Paytm Payments Bank : Bharat में वित्तीय अपराध से लड़ने वाली एजेंसी ED को अब तक विदेशी मुद्रा उल्लंघन के सबूत नहीं मिले हैं। RBI ने Paytm Bank पर डिपोसिट लेने की रोक, की तारीख को 29 फरवरी से बढाकर 15 मार्च कर दिया है। RBI ने नियमों के उल्लंघन के आरोप में 31 जनवरी को Paytm Payments Bank पर कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए थे। इस खबर के बाद Paytm के शेयरधारकों की संपत्ति में लगभग 3.1 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है।
Paytm Payments Bank की जांच में ED के हाथ खाली ?
Paytm Payments Bank की जांच कर रही ED को अब तक विदेशी मुद्रा उल्लंघन का कोई सबूत नहीं मिला है। समाचार एजेंसी रायटर्स के अनुसार इस मामले में ED से संपर्क किये जाने पर उन्होंने कोई भी प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया। Paytm Payments Bank के खिलाफ FEMA जांच की जा रही है, इसके जवाब में Paytm ने कहा था कि बैंक ने कभी भी विदेश में पैसे का लेनदेन नहीं किया है। The Hindu की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि FEMA जांच में फिलहाल ED के हाथ कुछ नहीं लगा, मगर, अन्य नियमों के उल्लंघन में बैंक के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है।
RBI ने नियमों के उल्लंघन के आरोप में 31 जनवरी को Paytm Payments Bank पर कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए थे। तब से Paytm के शेयरों में 50 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आ चुकी है। बर्नस्टीन के विश्लेषकों ने कहा कि RBI द्वारा डिपोसिट लेने की रोक की तारीख बढ़ाए जाने से Paytm Payments Bank के खातों को स्थानांतरित करने में मदद मिलेगी और व्यापार कंपनी के QR Code, Sound Box और Card मशीनों का उपयोग करने में सक्षम होंगे।
RBI की कार्रवाई के बाद से Paytm के शेयर धारको को लगभग 50 फीसदी का नुकसान हुआ था। Paytm का मार्केट कैप भी बहुत बुरी तरह प्रभावित हुआ था। लेकिन इस Good News के बाद पिछले दो सेशन से Paytm के शेयर अपने अपर सर्किट को टच कर रहा हैं। एक्सचेंज पर Paytm के शेयर का अपर सर्किट 5 फीसदी तय किया गया है, इसके चलते कंपनी के शेयर 10 फीसदी ऊपर जा चुके हैं।
Paytm Payments Bank मामले में बोलते हुए इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री चंद्रशेखर ने News Agency PTI को दिए इंटरव्यू में कहा कि इस मामले से Fintech कंपनियों को सीख लेनी चाहिए। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि "नियमों का पालन कंपनियों के लिए वैकल्पिक नहीं हो सकता है, बल्कि यह एक ऐसा पहलू है जिस पर हर उद्यमी को ध्यान देना चाहिए।" उन्होंने आगे कहा की "कंपनी कोई भी हो, चाहे वह भारत की हो या विदेश की, बड़ी हो या छोटी, उसे देश के कानूनों का पालन करना होगा।"