Meerut के हस्तिनापुर में बूढ़ी गंगा किनारे स्थित गौशाला में जहर मिला चारा खाने से छह गोवंश तड़प-तड़प कर मर गए और कई की हालत नाजुक बनी हुई है। पशु चिकित्सा विभाग की टीम ने मौके पर पहुंच कर गौवंशो की जांच की और उचित उपचार किया। गौशाला के संचालक श्री मित्रसेन प्रजापति ने इस मामले में दो लोगों के खिलाफ थाने में नामजद तहरीर देते हुए कार्रवाई की मांग की है।
Meerut गौशाला बनी मौत शाला
Meerut के हस्तिनापुर के समाजसेवी मित्रसेन प्रजापति, प्राचीन कर्ण मंदिर के नजदीक बूढ़ी गंगा किनारे मुख्य मार्ग पर पांडव विघ्नहर नाम से गोशाला चलाते है। यह गोशाला पिछले दो साल से उनकी देख रेख में संचालित है। इसे वह अपने निजी खर्चे पर चलाते हैं। गौशाला में वर्तमान में लगभग दो दर्जन निराश्रित गोवंश थे। मंगलवार की शाम गौवंश की चारा खाने के बाद अचानक तबीयत खराब होने लगी। देखते ही देखते आधा दर्जन गौवंश तड़प-तड़प कर मर गए।
इस घटना की सूचना मिलते ही राजकीय पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. अशोक कुमार गिल तुरंत ही टीम के साथ गौशाला पहुंचे। पशु चिकित्सकों के प्रयास से दो गायों को सुरक्षित बचा लिया गया। गौशाला के प्रबंधक एवं संचालक मित्रसेन प्रजापति ने जानकारी दी कि सड़कों पर घूम रही निराश्रित गायों को आसरा देने के उद्देश्य से उन्होंने अपने माता-पिता को समर्पित इस गौशाला की स्थापना की थी। मंगलवार शाम गौवंशो के चारे में किसी ने जहर मिला दिया। जिस वजह से छह गायें मर गईं। उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों को घटना से अवगत कराया।
डॉक्टरों की टीम ने गायों के चारे के सैंपल ले लिए हैं, जिन्हें जांच के लिए भेजा जाएगा। राजकीय पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. अशोक कुमार गिल ने बताया कि गौशाला में छह गायों की मौत फूड प्वाइजनिंग के कारण हुई है। पूरी तरह स्थिति पोस्टमार्टम के बाद ही स्पष्ट होगी। घटना की जांच की जा रही है। दो गायों की स्थिति खराब थी, जिन्हें समय पर दवाइयां देकर सुरक्षित बचा लिया गया है। बाकी गोवंश भी ठीक है।
गौशाला के प्रबंधक एवं संचालक श्री मित्रसेन प्रजापति ने इस मामले में थाने में दो लोगों के खिलाफ नामजद तहरीर दी है। तहरीर में उन्होंने बताया कि उक्त दोनों व्यक्ति लगातार उसे जान से मारने की धमकी दे रहे थे और गौशाला बंद कराने की धमकी भी दी थी। इस मामले में उन्होंने मुख्यमंत्री पोर्टल पर भी शिकायत करते हुए आरोपियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग की है।