नगर पालिका खतौली अध्यक्ष हाजी शाहनवाज़ लालू अपने कार्यकाल के शुरुआत से ही नगर पालिका खतौली की पीच पर लगातार छक्के लगा रहे है हाजी शाहनवाज़ लालू ने नगरपालिका के 38 कर्मचारियों का पहले से रुका आ रहा एक करोड़ से ज्यादा का भुगतान करके विरोधियो की गेंद पर एक और छक्का लगाया है। अपने कार्यकाल के शुरुआत से ही नगर पालिका खतौली उनके और पालिका के सभासद पारस जैन के बीच एक क्रिकेट पीच बन गई है। इस पीच पर सभासद पारस जैन भी कभी बाउंसर तो कभी स्पिन बॉल फेकते है। लेकिन हाजी लालू भी अपने राजनीतिक और उम्र के तजुर्बे से सभासद पारस जैन की सभी बोल को नगर पालिका खतौली की पीच से बाहर का रास्ता दिखाने में कामयाब रहे है। 14 फरवरी को लालू ने कुर्सी पर बैठकर पहला छक्का लगाया और लगातार दूसरे दिन 15 फरवरी को उन्होने 38 कर्मचारियों का पहले से रुका एक करोड़ स्तत्तर लाख अस्सी हज़ार 345 रूपये का भुगतान कर दूसरा छक्का लगाया।
नगर पालिका खतौली के अध्यक्ष हाजी शाहनवाज़ लालू, ने नगरपालिका में तैनात 38 कर्मचारियों के पूर्व में रुका भुगतान को पूरा करने का फैसला किया है। इस ऐतिहासिक निर्णय ने नगरपालिका के कर्मचारियों के आत्मविश्वास में भी एक नई ऊर्जा भर दी है। 38 कर्मचारियों के भुगतान के इस मसले को स्थाई समाधान के लिए हाजी शाहनवाज़ लालू ने सक्रिय रूप से कदम उठाया और निर्णय लिया कि सभी कर्मचारियों को उनके बकाया भुगतान किया जाए। इस निर्णय से न केवल कर्मचारियों की समस्या का हल होगा, बल्कि उनका भरोसा भी बढेगा। नगर पालिका के 38 कर्मचारियों का भुगतान पूरा करने के साथ, हाजी शाहनवाज़ लालू ने नगर में एक सकारात्मक संदेश भेजा है कि वह सभी नागरिकों के हित में काम करेंगे और उनकी समस्याओं का हल निकालने के लिए प्रतिबद्ध रहेंगे।
इस निर्णय के माध्यम से उन्होने सभी नेताओ याद दिलाया है कि नेताओं की जिम्मेदारी होती है कि वे जनता के हित में उनकी समस्याओं का समाधान करें और उनके जीवन को बेहतर बनाने के लिए कदम उठाएं। हाजी शाहनवाज़ लालू ने नगरपालिका के कर्मचारियों की इस समस्या के समाधान के माध्यम अपनी कार्यशैली का भी प्रदर्शन किया है और समाज में एक सकारात्मक परिवर्तन लाने का प्रयास किया है।
इसके अलावा, उन्होंने यह भी साबित करने का प्रयास कि सच्चे नेता हमेशा अपने लोगों के साथ खड़े होते हैं और उनके हित में निरंतर प्रयास करते हैं। उन्होंने इस कदम से न केवल कर्मचारियों को उनका हक दिलाया है, बल्कि समाज को एक महत्वपूर्ण संदेश भी दिया है कि वह हमेशा अपने लोगों के साथ खड़े हैं और उनकी समस्याओं का हल निकालने के लिए प्रतिबद्ध हैं। जबकि खतौली में कुछ नेता चुनाव समय में ही सामने आते हैं, मात्र वोट मांगने के लिए और फिर गायब हो जाते हैं, उनका ऐसा व्यवहार न केवल जनता के विश्वास को कमजोर कर रहा है, बल्कि जनता की सेवा में वास्तविक समर्पण की कमी को भी दर्शा रहा है। उन सभी नेताओ को अब समझना होगा की सच्चे नेतृत्व केवल चुनावी समय में ही नहीं, बल्कि निरंतर संवाद और जनता की समस्याओं का समाधान करने के लिए उत्साही प्रयासों का परिणाम होता है।